श्री दुर्गा मंत्र
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
मंत्र का अर्थ:-
सब प्रकार के मंगल करने वाली मंगलमयी माता आप कल्याणकारी एवम सब मनोरथों को पूरा करने वाली हो (अर्थात सदबुद्धि देने वाली हो) |
हे माँ गौरी (जिनका गौर वर्ण है) आप शरण ग्रहण करने योग्य एवम त्रिकालदर्शी अर्थात वर्तमान भूत एवम भविष्य को प्रत्यक्ष देखने वाली हो हे नारायणी (जो सब में व्याप्त हैं) आपको नमस्कार है ||
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
मंत्र का अर्थ:-
जयंती, मंगला, काली, भद्रकाली, कपालिनी, दुर्गा, क्षमा, शिवा धात्री और स्वधा- इन नामों से प्रसिद्ध मां जगदंबे. आपको मेरा नमस्कार है.
नवार्ण मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।
मंत्र का अर्थ:-
ऐं – सूर्य ग्रह को नियंत्रित करता है
ह्रीं – चंद्र ग्रह को नियंत्रित करता है
क्लीं – मंगल को नियंत्रित करता है
चा – बुध को नियंत्रित करता है
मुं – बृहस्पति को अनुकूल बनाता है
डा – शुक्र ग्रह को नियंत्रित करता है
यै – शनि ग्रह को नियंत्रित करता है
वि – राहु ग्रह को नियंत्रित करता है
च्चे – केतु ग्रह को नियंत्रित करता है
दुर्गा गायत्री मंत्र
ॐ कात्यायन्यै विद्महे, कन्याकुमार्ये च धीमहि,
तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ।।
ॐ गिरिजाय च विद्महे, शिवप्रियाय च धीमहि,
तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ।।
मंत्र का अर्थ:-
ओम, मैं अपना मन देवी दुर्गा पर केन्द्रित करता हूँ, जो कथ्यायन की पुत्री हैं। हे दिव्य माँ, मुझे अधिक स्पष्ट और बुद्धिमानी से सोचने में मदद करें। आपका प्रकाश मेरे विचारों का मार्गदर्शन करे और उन्हें उज्ज्वल बनाए।